‘चुनाव आते ही भाजपा-संघ को याद आया अयोध्या'

नई दिल्ली । विहिप के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया का दावा है कि एक साल पहले ही उन्होंने प्रस्तावित अध्यादेश का प्रारूप बना लिया था। नवंबर 2017 में उडुपी में आयोजित धर्म संसद में कानून बनाकर राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण आरंभ करने का प्रस्ताव पारित होना था लेकिन अंतिम क्षणों में संघ के दबाव में यह प्रस्ताव रद्द करना पड़ा। तोगड़िया ने 'दैनिक समाचार ' को बताया कि उनके पास दस्तावेजी साक्ष्य हैं कि किस तरह भाजपा के शीर्ष नेताओं ने राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव लाने के मंदिर निर्माण का प्रस्ताव लाने विहिप के प्रयास का विरोध किया और संघ पर दबाव बनाया कि धर्म संसद यह प्रस्ताव न लाया जाए। दावा किया कि भाजपा के दबाव में संघ सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने न सिर्फ यह प्रस्ताव धर्म संसद में आने दिया बल्कि उन्हें ही निष्कासित करवा दिया। अंतरराष्ट्रीय हिंद परिषद के अध्य तोगडिया ने कहा, सत्ता में आने के बाद भाजपा ने राम का नाम त्याग दिया और अब चुनाव की आहट से फिर राम याद आने लगे। वह इससे तेल की कीमत, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं, राफेल सौदे जैसे मुद्दों को गौड़ कर देना चाहती है। अध्यादेश का प्रारूप : अहिप द्वारा तैयार अध्यादेश में कहा गया है कि राम जन्मभूमि स्थल को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया जाता है। प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल तथा अवशेष अधिनियम 1958 के सभी प्रावधान इसमें लागू होंगे। ‘अयोध्या में कुछ क्षेत्र के अधिग्रहण अधिनियम 1993' के तहत केंद्र द्वारा अधिग्रहीत भूमि पर ही मंदिर का निर्माण किया जाएगा। 21 अक्तूबर से यात्रा : राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए अहिप लखनऊ से अयोध्या के लिए 21 से जनजागरण यात्रा निकाल रही है। इस दौरान वह लोगों से मंदिर निर्माण के समर्थनमें हस्ताक्षर अभियान भी चलाएगी।



तोगड़िया का दावा,


संघ के दबाव में पिछले


साल विहिप मंदिर पर प्रस्ताव


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