केन्द्रिय विधालय शाहदरा ने मनाया "वार्षिक खेल दिवस"


दैनिक समाचार, दिल्ली - केन्द्रीय विधालय शाहदरा ने 13 दिसंबर 2018 को वार्षिक खेल दिवस उत्साह और उत्तेजना के साथ  आयोजित किया।

श्रीमती मंजू शर्मा प्रिंसिपल के.वी.  शाहदरा समारोह की मुख्य अतिथि थी । श्री एस सी शर्मा ने औपचारिक रूप से मुख्य अतिथि का स्वागत किया। हैड गर्ल ने उन्हें आदर स्वरुप बैज लगाया। मुख्य अतिथि ने स्पोर्ट्स मीट की  शुरुआत हेतु झंडा फेहराया । मुख्य अतिथि द्वारा शिवाजी, टैगोर, अशोक और रमन चारो सदनों के निरीक्षण के बाद, मार्च  पास्ट और शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया।

सभी चार सदनों का नेतृत्व विद्यालय के स्काउट्स ने बहुत शानदार तरिके से किया। उचित समन्वय के साथ मार्च पास्ट ने सबका मन मोह लिया ।

छात्रों ने ईमानदारी से सच्ची खेल कौशल की भावना को बनाए रखने का वचन दिया। चीफ गेस्ट ने केवी शाहदरा के टैग लगे गुब्बारे मुक्त उड़ने वाले आकाश मे छोड़कर वार्षिक स्पोर्ट्स मीट 2018 की शुरुवात की घोषणा की।

 क्लास 1 और 2 के छात्रों द्वारा श्रीमति शारदा के कुशल निर्देशन मे एक एक्शन गाना खूबसूरती से प्रसतुत किया गया । छात्र छात्राअो द्वारा योग का प्रदर्शन हर किसी को मंत्रमुग्ध कर रहा था।

कक्षा 1 से 6 के छात्रों ने रिले दौड़, फ्लैट दौड़, एक पैर वाली दौड़, बोरी दौड़, बाधा दौड़, चम्मच-नींबू दौड़ और पथ सन्ग्रह दौड़  सहित अनेको कार्यक्रमों में भाग लिया। दिन सभी प्रतिभागियों के लिए रोमांचक जीत और उल्लास से भरा था।

छात्रों की प्रतियोगिताअो के बाद कर्मचारियों ने  फ्लैट रेस, संगीत कुर्सी और केवी शाहदरा और केवी खिचड़ीपुर द्वितीय पारी के शिक्षकों के बीच रसा कस्सी प्रतियोगिताओं मे उत्साह के साथ भाग लिया। केवी शाहदरा के शिक्षकों ने रसा कस्सी प्रतियोगिता जीती।

श्रीमती मंजू शर्मा मुख्य अतिथि और प्रधानाचार्य के.वी. शाहदरा ने सभी विजेताओं को पदक और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया। उन्होंने विजेताओं को बधाई दी और सभी को सच्ची खेलकूद की भावना के लिए प्रेरित किया। उन्होने विद्यार्थी जीवन मे खेलकूद की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।

राष्ट्र गान के बाद वार्षिक खेल दिवस एक उत्साह भरे जोश के साथ समाप्त हो गया, जो सभी उत्साही युवाअो के लिए अच्छे स्वास्थ्य और सफलता के वादे से भरा हुआ था I

 


 


Featured Post

 मध्यवर्गीय परिवारों का हाल किसी से छुपा नहीं है सरकारें आती हैं जातीं है परन्तु मध्यवर्गीय परिवारों कि हालत आज भी जस कि तस बनीं हुईं हैं इस...